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यह कहानी एक विधवा स्त्री का विश्वास जीवन की निराशापूर्ण परिस्थिति में अपने परिवार के ऋण को चुकाने के विषय में बताती है जिसका पति जो एक विश्वासयोग्य भविष्यवक्त्ता था, मर चुका था।
यदि ऋण नहीं चुकाया जाता तो उस विधवा के पुत्र घर छोड़ने तथा एक अजनबी के लिए कार्य करने को विवश हो जाते। वह विधवा एलीशा भविष्यवक्ता की सहायता लेने जाती है, एलीशा परमेश्वर का एक सुनाम भविष्यवक्ता था।
एलीशा उस विधवा को अधिक से अधिक खाली बर्तन एकत्र करने का एक विचित्र निर्देश देता है। विधवा के घर में केवल बहुत थोड़ा था जैतून का तेल था किन्तु एलीशा उस विधवा से उस तेल को एकत्र किए गए उन खाली बर्तनों में उण्डेलने के लिए कहता है।
आश्चर्यजनक रूप से परमेश्वर ने उस थोड़े से जैतून के तेल को इतना अधिक बढ़ा दिया जिससे उस विधवा के घर के समस्त खाली बर्तन तेल से भर गए। वह विधवा उस जैतून के तेल को बेच देती है, उससे जो धन मिलता है उससे वह ऋण चुकाती है। और उसके पुत्र उसके घर में उसके साथ सुरक्षित रहते हैं।
इस कहानी को एक चश्मदीद दुकानदार के द्वारा बताया गया है, यह दुकानदार उस विधवा स्त्री की विश्वासयोग्यता का गवाह था।
विधवा स्त्री ने एलीशा से क्यों सहायता की बिनती की?
एलीशा भविष्यवक्ता ने विधवा पर परमेश्वर के विषय में किस बात को प्रगट किया?
विधवा ने अपनी विश्वासयोग्यता दिखाने के लिए क्या किया?
आप ऐसे कौन से चुनाव कर सकते हैं जो यह दिखाएं कि आप विश्वासयोग्य है?
विधवा तथा एलीशा की यह कहानी उन चार आश्चर्यकर्मों में प्रथम कहानी है जिन्हें एलीशा ने 2 राजा अध्याय 4 में करके दिखाया। प्रत्येक आश्चर्यकर्म यह दिखाता है कि परमेश्वर किस प्रकार एलीशा के माध्यम से विश्वासयोग्य लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करता है। जब एक विश्वासयोग्य व्यक्ति एलीशा से सहायता मांगता है, तब परमेश्वर एक आश्चर्यकर्म करता है।
एलीशा को एक अन्य महान भविष्यवक्त्ता एलिय्याह द्वारा शिक्षा दी गई थी, जिसने स्वयं परमेश्वर की सहायता से आश्चर्यकर्म किए थे। इसके बाद यीशु ने भी एलिय्याह और एलीशा के समान आश्चर्यकर्म किए किन्तु यीशु के आश्चर्यकर्म एलिय्याह और एलीशा के आश्चर्यकर्म की तुलना में अधिक महान थे।